गर तुझे ये लगे के तू ज़िंदा है, तो तू है ज़िंदा।
गर ये तेरा सवाल है, तो तू है नही।
मुझसे न पूछ तू तेरी तलाश में कहाँ भटके।
तेरे मंज़िल का रास्ता तेरी परिस्थिति के बाध्य नहीं।
तू ढूँढ उस आवाज़ को, जो कहे तुझे है अब चलना।
इन पहाड़ों में नहीं, तुझे अपने अन्तः मन में है उसे खोजना।
तू निकल अब वहाँ जहाँ जाने की किसी को इजाज़त नहीं।
तू लौट के आ वहां से जिसके बगैर तेरी कोई पहचान नहीं।