15 Jul 2009

i remember



वो सर्द रातें याद हैं;
इन आंखों को तेरा इंतज़ार याद है.
नींद लुक्का चुप्पी खेलती;
सपनो में वो धुंधलाता चेहरा याद है.
तेरी तस्वीर से सौ बातें करती आँखें;
पर तुझसे कुछ कहने का डर , और वो होंटों का थरथराना याद है.

छुपा छुपा कर तुम्हे देखना याद है,
और तुम्हे देझते ही शर्म से लाल हो जन याद है.
तेरी नज़रों के छुते ही इस बदन का सज जन याद है;
और इस लाली को छुपाने की सौ कोशिशें करना याद है.

हर अल्फाज़ को नकारने के बाद;
उसी बात को हज़रून बार दोहराना याद है.
तुमसे दांत खाना याद है, तुम्हारे सामने रोना याद है.
गीली आंखों से तुम्हारा चेहरा देखना याद है;
उस चेहरे को चुने की कोशिश करते,
उस चेहरे की याद में वो गीले तकिये पे कटी रातें याद हैं.

हाँ वो तेरा इंतज़ार याद है.
वो मेरा पहला प्यार याद है.

1 comment:

  1. wah wah..!!
    Aapko hamaare dosti ke siva sab kuch yaad hai..?

    Its really superb ...

    ReplyDelete