खामोश हैं आज ;
कुछ केहना बी तो नहीं हैं |
ना कोई अधूरी काहानी है , नाही कोई आगाज़ जिसके अंजाम की उम्मीद हो |
ना कोई किरदार; न कोई शक्ल जिक्सके धुंधले होने का दम भरें |
कोई ख्वाब बी नहीं हैं के जिसके टूटने पर उदासी हो ; नाही कोई चाहत ना कोई आस |
कोई सवाल ही नहीं हैं के जिसके जवाब मैं रातों को जागा करें; कोई उलझन ऐसी जिसके सुलझने की फ़रियाद करें |
ना तेरा साया है , ना तेरी तस्वीर ;
ना तेरे जिस्म की प्यास; ना तेरे थर्राते होटों से अपना नाम सुन ने की चाहत कोई |
नाही कोई बैचैनी है; नाही कभी दबी हुई, कभी उखड़ी हुई सांस ;
नाही नींद |
एक अनजाना ठहराव है बस ; कुछ खामोश से हैं आज |
Hey Vega, that was nice :)
ReplyDeletefreaking amazin...and thank god u didnt blog this in english...destroys the whole charm of it
ReplyDeletei can relate to it.. :(
ReplyDeleteonly can't write it tht way! :D
gud wrk! way 2 go!!!
@jaky, juggernaut, anonymous: thnks a ton.
ReplyDelete@juggernaut: yeah i agree language seems to make a huge impact for no apparent reason.
i love the lines...both the english and the hindi ones!
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